Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2023 · 1 min read

सफलता वही है जो निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण हो।

सफलता वही है जो निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण हो।

191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शेर
शेर
SHAMA PARVEEN
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
जय लगन कुमार हैप्पी
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
संविधान
संविधान
लक्ष्मी सिंह
दिल तोड़ना ,
दिल तोड़ना ,
Buddha Prakash
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Some battles are not for us to win- and some battles are not
Some battles are not for us to win- and some battles are not
पूर्वार्थ
हक़ीक़त है
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
वक्त कितना भी बुरा हो,
वक्त कितना भी बुरा हो,
Dr. Man Mohan Krishna
ये दुनिया
ये दुनिया
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हाईकु
हाईकु
Neelam Sharma
"अर्द्धनारीश्वर"
Dr. Kishan tandon kranti
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे
Monika Arora
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
Indu Singh
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
रंग जीवन के
रंग जीवन के
kumar Deepak "Mani"
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
क़िस्मत का सौदा करने चली थी वो,
क़िस्मत का सौदा करने चली थी वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
Loading...