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15 May 2023 · 1 min read

सफर

चल रही थी यूँ जिंदगी
खूब सूरत सडकों पर
सुहाने रास्तों पर गुनगुनाती
भविष्य की चिंता से दूर
पर न जाने कहाँ से आया
एक जोर दार जलजला
यूँ अचानक ही कर गया
दरबदर और यतीम
आंसुओं से भर गयी जिंदगी
मायूसी की नहीं थी कमी
ऐसे लगा कि सर पर
था जिनका हाथ वो
यूँ ही बिना बोले कुछ कहे
अनजान सफर पर चले गए

Language: Hindi
258 Views
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