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3 Mar 2023 · 1 min read

“सन्देशा भेजने हैं मुझे”

“सन्देशा भेजने हैं मुझे”
उन कंचों के नाम
जो पूरे पारदर्शी होने से
कुछ भी न छुपाते थे,
एक-दूसरे से टकराकर
खुदे हुए गड्ढे में घुस जाते थे।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

5 Likes · 2 Comments · 79 Views
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