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7 Apr 2023 · 1 min read

सनम ऐसे ना मुझको बुलाया करो।

सनम ऐसे ना मुझको बुलाया करो।
गर बुलाओ वजह भी जताया करो।।

बात कुछ भी नहीं तुम बताती प्रखर ।
दिल के अरमां न हमसे दबाया करो।।

प्यार करती अगर मुंह छिपाओ नहीं ।
पास आऊं तो घूंघट उठाया करो ।।

लफ्ज़ खामोश रहते तड़पता है दिल।
इस क़दर तुम न मुझको सताया करो।।

चांद चेहरा ढका जुल्फ की बदलियां।
नूर ऐसे न उसका का छिपाया करो।।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर ‘

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