Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2023 · 1 min read

सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,

सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,

मेरी पलकों से वो भीगी हुयी अर्ज़ी पढ़ी होती,

तेरी नज़रों में ही महफ़ूज़ रह जाती वफ़ा मेरी,

जो अपने दिल की ही तूने ये खुदगर्ज़ी पढ़ी होती !!

268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल "आदर्श"
View all

You may also like these posts

लघुकथा- धर्म बचा लिया।
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
Dr Tabassum Jahan
कुर्सी
कुर्सी
Bodhisatva kastooriya
शायर हुआ हूं मैं
शायर हुआ हूं मैं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
Otteri Selvakumar
इतना गिरा जमीर
इतना गिरा जमीर
RAMESH SHARMA
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
अनंतनाग में शहीद हुए
अनंतनाग में शहीद हुए
Harminder Kaur
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
Lakhan Yadav
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
रोशनी
रोशनी
Neeraj Agarwal
3073.*पूर्णिका*
3073.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीना सीखा
जीना सीखा
VINOD CHAUHAN
गहरा राज़
गहरा राज़
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
sushil yadav
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पद्म
पद्म
Uttirna Dhar
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
Vicky Purohit
"बस्तर शिल्प कला"
Dr. Kishan tandon kranti
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
अंत बुराई का होता है
अंत बुराई का होता है
Sonam Puneet Dubey
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*धरती माँ*
*धरती माँ*
Pallavi Mishra
तुलसी के मानस में राम
तुलसी के मानस में राम
Bharti Das
😢
😢
*प्रणय*
बड़ी शान से नीलगगन में, लहर लहर लहराता है
बड़ी शान से नीलगगन में, लहर लहर लहराता है
Dr Archana Gupta
मानवता
मानवता
Rahul Singh
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लेख
लेख
Praveen Sain
Loading...