Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2024 · 1 min read

सत्य की खोज

ना तू सत्य, ना मैं सत्य
ना ये सत्य, ना वो सत्य
जाना पहचाना सा है
ये सत्य तो फिर भी छुपा है

ज़िन्दगी की पहेलियों में सत्य भी
यु तो उलझा हुआ है ।
ज़िन्दगी के रोशन रंगों में सत्य भी
यु तो बुझा हुआ है ।।

वक़्त के फेर में सत्य भी
यु ही चकरा रहा है ।
ज़माने की खुशियों मे
ये सत्य तो गुमसुम सा है ।।

सभी दुनिया में सभी लोग जानते हैं
बस सत्य को मानना ही बाकी है ।
ये शोर शराबा तो बेमतलब का है यारो
इस सत्य मे ख़ामोशी भी सुलझी हुई है ।।

91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
Lakhan Yadav
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
जल का अपव्यय मत करो
जल का अपव्यय मत करो
Kumud Srivastava
साथ चली किसके भला,
साथ चली किसके भला,
sushil sarna
2609.पूर्णिका
2609.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
©️ दामिनी नारायण सिंह
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
कवि दीपक बवेजा
“परीक्षा”
“परीक्षा”
Neeraj kumar Soni
"बेशर्मी" और "बेरहमी"
*प्रणय प्रभात*
Passion for life
Passion for life
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मोक्ष
मोक्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*सुबह-सुबह गायों को दुहकर, पात्रों में दूध समाया है (राधेश्य
*सुबह-सुबह गायों को दुहकर, पात्रों में दूध समाया है (राधेश्य
Ravi Prakash
सफ़र ख़ामोशी का
सफ़र ख़ामोशी का
हिमांशु Kulshrestha
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
जीत से बातचीत
जीत से बातचीत
Sandeep Pande
PG88 - trang web cá cược uy tín, là một trong những sân chơi
PG88 - trang web cá cược uy tín, là một trong những sân chơi
PG88 – Top 1 nhà cái uy tín khẳng định chất lượng năm 2024
अपनी पहचान का मकसद
अपनी पहचान का मकसद
Shweta Soni
'एक शहादत ये भी’
'एक शहादत ये भी’
Kshma Urmila
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
घर से निकले जो मंज़िल की ओर बढ़ चले हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या तुम कभी?
क्या तुम कभी?
Pratibha Pandey
मजबूरियां रात को देर तक जगाती है ,
मजबूरियां रात को देर तक जगाती है ,
Ranjeet kumar patre
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
तुम अपना भी  जरा ढंग देखो
तुम अपना भी जरा ढंग देखो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
Loading...