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3 Mar 2022 · 1 min read

सञ्जीवनी साधना

विभावरी में जाग कर, तपस्या में मन साधकर
चमकता हुआ ध्रुव बने, अरुणोदय सा प्रभाकर
निर्वाण नीति प्रबुद्ध में, देश भक्ति है जननी
चैतन्य आत्म साधना, प्रवाह धार स्रोतस्विनी

निवारण कलह क्लेश भी, सञ्जीवनी सार में
दृढ़ संकल्पित साधना में, ओक के श्रृंगार में
मानवीय विकास में, प्रसिद्ध सिद्ध जीवनी
चैतन्य आत्म साधना, प्रवाह धार स्रोतस्विनी

सत्यता के पृष्ठ भू- पर, कर्त्तव्यता को साध्य ले
वास भूमि मातृ सेवा, अपने आचरण में बाध्य ले
सास्त्विक ज्ञान में, अरुणोदय सी खिली कुमुदनी
चैतन्य आत्म साधना, प्रवाह धार स्रोतस्विनी

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 179 Views

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