Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2022 · 2 min read

सच

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब आप अपनों के बीच ही तन्हा महसूस करने लग जाएं ,जहाँ आपके दर्द -जज्बातों -ख़ामोशी -आंसुओं को भी सब बेफिक्र होकर हवा में उड़ाने लग जाएं तो बेहतर है की ख़ामोशी की चादर ओढ़ कर इस दर्द -जिल्लत को आपके खुद के पूर्व जन्मों के गलत कर्मों का दुष्परिणाम मान कर अपने जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांगने एवं उसकी अरदास में लग जाएं …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लड़ना तो यहाँ हर कोई जानता है मगर ये सोच सोच का फ़र्क़ है ,किसी को हर बात में -हर हाल में अपने आपको सही साबित करने एवं आपको गलत ठहराने की जिद है तो कहीं संबंधों में लिहाज का पर्दा रखते हुए मुस्करा कर टाल देने का अदब है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की इस जहाँ में केवल एक ही चीज चलती है ,सही कहा है कहने वाले ने की:- बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया …आपका कुछ समय का गलत वक़्त आपके बीते हुए समस्त हसीं -अच्छे -यादगार पलों पर भारी पड़ जाता है …सामने वाले को अब सिवाय कमियों के आपमें कुछ नजर नहीं आता -आप अब एक बोझ बन जाते हो ,एक जिन्दा चलती फिरती लाश …जहाँ यकीन मानिये आपके इस दुनिया से रुखसत हो जाने के बाद भी कोई दुःख नहीं बल्कि सुकून ही होगा …!

“*क्या आप एक प्रश्न का उत्तर देंगें की सच को बोलना ज्यादा आसान है या सच को सुनना और स्वीकार करना ज्यादा कठिन है?? *”

ना जाने क्यों आज किसी शायर का एक शेर याद आ रहा है की :-
हमसे पता नहीं सच्ची या झूटी मोहब्बत करने वाले …
एक दिन सच में या दिखावे के लिए रोते ही रह जाएंगे …🥲
क्यूंकि एक दिन जो हम सोयेंगे -फिर सोते ही रह जायेंगें …..🪔

🙏अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

Language: Hindi
1 Like · 244 Views
You may also like:
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
मैं भौंर की हूं लालिमा।
मैं भौंर की हूं लालिमा।
Surinder blackpen
एक झूठा और ब्रह्म सत्य
एक झूठा और ब्रह्म सत्य
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
आप हारेंगे हौसला जब भी
आप हारेंगे हौसला जब भी
Dr fauzia Naseem shad
*विधि के प्रणीत विधान हैं( मुक्तक)*
*विधि के प्रणीत विधान हैं( मुक्तक)*
Ravi Prakash
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
VINOD KUMAR CHAUHAN
Success is not final
Success is not final
Swati
★बदला★
★बदला★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
आदरणीय अन्ना जी, बुरा न मानना जी
आदरणीय अन्ना जी, बुरा न मानना जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शायरी
शायरी
goutam shaw
भक्ति -गजल
भक्ति -गजल
rekha mohan
दिनांक:-२३.०२.२३.
दिनांक:-२३.०२.२३.
Pankaj sharma Tarun
जब चलती पुरवइया बयार
जब चलती पुरवइया बयार
श्री रमण 'श्रीपद्'
■ व्यंग्य / बाक़ी सब बकवास...!!
■ व्यंग्य / बाक़ी सब बकवास...!!
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं।
निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते...
Manisha Manjari
हर मौसम में हर मौसम का हाल बताना ठीक नहीं है
हर मौसम में हर मौसम का हाल बताना ठीक नहीं...
कवि दीपक बवेजा
*जीवन जीने की कला*
*जीवन जीने की कला*
Shashi kala vyas
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में...
Nav Lekhika
आँखों में बगावत है ghazal by Vinit Singh Shayar
आँखों में बगावत है ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
अपने योग्यता पर घमंड होना कुछ हद तक अच्छा है,
अपने योग्यता पर घमंड होना कुछ हद तक अच्छा है,
Aditya Prakash
हम नहीं पहनेंगे हिजाब
हम नहीं पहनेंगे हिजाब
Shekhar Chandra Mitra
💐रामायण तथा गोस्वामीजी💐
💐रामायण तथा गोस्वामीजी💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शीर्षक :- आजकल के लोग
शीर्षक :- आजकल के लोग
Nitish Nirala
आज सबको हुई मुहब्बत है।
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
वसंत बहार
वसंत बहार
Shyam Sundar Subramanian
रात सुरमई ढूंढे तुझे
रात सुरमई ढूंढे तुझे
Rashmi Ratn
सुरज से सीखों
सुरज से सीखों
Anamika Singh
"किताब और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...