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9 Feb 2023 · 1 min read

सच की पेशी

झूठ के सामने
आ गया सच
झूठ ने अंगड़ाई ली
सच की हँसाई हुई
झूठ पर आवरण था
सच का व्याकरण था
झूठ ने साबित कर दिया
सच झूठा है…
मेरी प्रतिष्ठा देख
खुद से रूठा है..
सच ने साक्ष्य दिये..
झूठ ने झुठला दिये
वकीलों ने साबित कर दिया
सच झूठा है…
भला, आज किसी ने उसे
कहीं देखा है…
अरे!!
झूठ और सच में
यही तो फ़र्क है..
ख़राब मिठाई पर
चाँदी का वर्क है।।
यहाँ बस..
एक ही सच्चाई है
आज मेरी,
कल तेरी विदाई है।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
75 Views
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Books from सूर्यकांत द्विवेदी

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