Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2023 · 1 min read

सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म

सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने में साहस की जरूरत पड़ती है,पर सच को स्वीकार करना उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है ।।
जो सच को स्वीकार करते हैं वो स्वयं को बदलने का प्रयास करते हैं स्वयं के लिए ।।

1 Like · 394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

क्रोध
क्रोध
Rj Anand Prajapati
इस अजब से माहौल में
इस अजब से माहौल में
हिमांशु Kulshrestha
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
भरत कुमार सोलंकी
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
Ravi Prakash
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुद से मिल
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अनैतिकता से कौन बचाये
अनैतिकता से कौन बचाये
Pratibha Pandey
"शब्दों का सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
क्रोध...
क्रोध...
ओंकार मिश्र
अब हम क्या करे.....
अब हम क्या करे.....
Umender kumar
कौन कहाँ कब
कौन कहाँ कब
©️ दामिनी नारायण सिंह
शिक्षा अर्थ रह गई
शिक्षा अर्थ रह गई
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
कवि रमेशराज
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
अमित
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
gurudeenverma198
काँटा ...
काँटा ...
sushil sarna
दर्द सहता हज़ार रहता है
दर्द सहता हज़ार रहता है
Dr Archana Gupta
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
Kanchan Alok Malu
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
विडम्बना
विडम्बना
आशा शैली
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
मेरे जीवन के दो साल कम कर दो,पर….
मेरे जीवन के दो साल कम कर दो,पर….
Piyush Goel
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय...
Ajit Kumar "Karn"
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
बंध
बंध
Abhishek Soni
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
SUDESH KUMAR
Loading...