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10 Aug 2022 · 2 min read

*#महापुरुषों_के_पत्र* (संस्मरण)

*#महापुरुषों_के_पत्र* (संस्मरण)

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दवात भले ही प्रचलन से बाहर हो गई । लेकिन कागज और कलम का रिश्ता बना रहा । किसी ने पोस्टकार्ड, किसी ने अंतरदेशीय-पत्र तथा किसी ने लेटर-पैड पर पत्र लिखने के सिलसिले जारी रखे। एक जमाना था ,जब केवल पत्रों के आदान-प्रदान से ही विचारों का प्रकटीकरण होता था । मोबाइल ,व्हाट्सएप और फेसबुक के जमाने में भी पत्रों का महत्व कम नहीं हुआ । वह अभी भी चल रहे हैं । वास्तव में देखा जाए तो जो भावनात्मकता साक्षात पत्र के दर्शन में है ,वह मोबाइल पर भेजे गए संदेश में कभी भी नहीं आ सकती।
मेरे पास अनेक अग्रणी कवियों, लेखकों और राजनीतिज्ञों के पत्र हैं । डॉक्टर कर्ण सिंह के हस्ताक्षर सीधे-साधे लिखे हुए होते थे । नानाजी देशमुख अपने नाम के ऊपर लाइन नहीं खींचते थे । अटल बिहारी वाजपेई का पत्र उनके टेढ़े मेढ़े हस्ताक्षरों के साथ मेरे संग्रह में है । इसमें तनिक कलात्मकता भी है । डॉ हरिवंश राय बच्चन का पत्र आसानी से पढ़ने योग्य नहीं होता था। उसमें हर शब्द कलाकारी का अद्भुत नमूना होता था । डॉक्टर उर्मिलेश की लिखावट मोती के समान चमकती थी ।विष्णु प्रभाकर अपने शब्दों को कुछ लंबा आकार देने के लिए प्रसिद्ध थे । उनका पत्र हमेशा पोस्टकार्ड पर ही मिला । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांतिकारी मन्मथ नाथ गुप्त का पत्र भी मेरे पास पोस्टकार्ड पर ही हाथ से लिखा हुआ है । काका हाथरसी और निर्भय हाथरसी दोनों की लिखावट खूब पढ़ने में आती थी । काका हाथरसी का लेटर-पैड पर तथा निर्भय हाथरसी का अंतर्देशीय-पत्र पर लिखा गया पत्र मेरे संग्रह में है । कविवर नीरज की लिखावट में तेज रफ्तार दिखती थी । कविवर भारत भूषण( मेरठ ) हस्ताक्षर करने के बाद दो बिंदुओं का दबाव कलम से अवश्य छोड़ते थे । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पत्र में “ओम” तो समझ में आता है लेकिन “बिरला” शब्द सिरे से अपठनीय है।
सुनते हैं कि लिखावट बहुत कुछ व्यक्तित्व के बारे में कह देती है । यद्यपि इसका ज्ञान तो हस्तलिपि विशेषज्ञों को ही होता है । फिर भी यह कहावत प्रचलन में आई है कि “खत का मजमून भाँप लेते हैं लिफाफा देखकर” अर्थात लिफाफे पर शब्द जिस स्टाइल से लिखे गए हैं ,उससे व्यक्ति के मनोभाव प्रकट हो जाते हैं । सुंदर, कलात्मक अथवा धीरे-धीरे आराम से लिखी गयी हस्तलिपि व्यक्ति के शांत मानस को प्रतिबिंबित करती है।
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*लेखक: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश )*
*मोबाइल 99976 15451*

Language: Hindi
Tag: संस्मरण
236 Views

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