Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2023 · 1 min read

अज्ञात के प्रति-2

संसारी प्रेम धन के अभाव में पंगु हो जाता है।

-अभिषेक: पाराशरः ‘आनन्द’

Language: Hindi
111 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़रूरत
ज़रूरत
सतीश तिवारी 'सरस'
मजबूर हूँ मज़दूर हूँ..
मजबूर हूँ मज़दूर हूँ..
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शख्स या शख्शियत
शख्स या शख्शियत
Dr.S.P. Gautam
"ललकारती चीख"
Dr Meenu Poonia
प्रेम
प्रेम
Saraswati Bajpai
दर बदर।
दर बदर।
Taj Mohammad
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
Ram Krishan Rastogi
ना बातें करो,ना मुलाकातें करो,
ना बातें करो,ना मुलाकातें करो,
Dr. Man Mohan Krishna
मोह....
मोह....
Rakesh Bahanwal
ज़िंदगी का ये
ज़िंदगी का ये
Dr fauzia Naseem shad
मौत
मौत
Alok Saxena
कैसे कह दूं पंडित हूँ
कैसे कह दूं पंडित हूँ
Satish Srijan
बलिदान
बलिदान
Shyam Sundar Subramanian
बिछड़न [भाग ३]
बिछड़न [भाग ३]
Anamika Singh
तुम्हारा प्यार साथ था गोया
तुम्हारा प्यार साथ था गोया
Ranjana Verma
न कोई चाहत
न कोई चाहत
Ray's Gupta
अब तक नहीं मिला है ये मेरी खता नहीं।
अब तक नहीं मिला है ये मेरी खता नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
Arvind trivedi
*सिर्फ एक भलमनसाहत से कब दुनिया चलती है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*सिर्फ एक भलमनसाहत से कब दुनिया चलती है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
क्यों सोचता हूँ मैं इतना
क्यों सोचता हूँ मैं इतना
gurudeenverma198
* तु मेरी शायरी *
* तु मेरी शायरी *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माता-पिता की जान है उसकी संतान
माता-पिता की जान है उसकी संतान
Umendra kumar
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
2438.पूर्णिका
2438.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
DrLakshman Jha Parimal
Loading...