Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

संवेदना की बाती

सहयोग मीठा एहसास है ह्रदय में संवेदना
परस्पर प्रेम को जीवन का गणित बना।।

स्वार्थ बना सर्वोपरी, संवेदना मानों मरी
कौन किसका है यहां, स्वार्थ ही सब कुछ हुआ।।

मैं-मैं सब कर रहे, हम तो जाने कहाँ गया
मेरा -मेरा का घमंड हुआ,समर्पण जाने कहाँ गया।।

मैं-मैं की शोर मचा, बांध गठठ्रर सब खड़े
मानों ले जायेगें सब साथ यह,इतरा रहे बड़े-बड़े।।

स्वप्न में स्वप्न दिखे हर्षा रहे, सब स्वप्न में,
नींद में सब थे दिखे, जाने क्यों लड़ रहे।।

अंहकार किस बात का ,आये शहंशाह बडे-बडे।
महल ऊंचे सब .. धरे यहीं, दौलत पर संग्राम हुआ मिट गये नामोनिशान यहीं।।

जी गये जो जिन्दादिल थे, संवेदना थी जिनमें बची
त्याग, प्रेम दया सहानुभूति की बाती जगा रोशन किया जग सभी…
सहयोग की मशाल जला, जग होगा रोशन तभी।।

5 Likes · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ritu Asooja
View all
You may also like:
*माता (कुंडलिया)*
*माता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
कृष्ण प्रेम की परिभाषा हैं, प्रेम जगत का सार कृष्ण हैं।
कृष्ण प्रेम की परिभाषा हैं, प्रेम जगत का सार कृष्ण हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
आखिरी मोहब्बत
आखिरी मोहब्बत
Shivkumar barman
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
Ravikesh Jha
" रतजगा "
Dr. Kishan tandon kranti
ग्यारह होना
ग्यारह होना
Pankaj Bindas
मु
मु
*प्रणय*
4796.*पूर्णिका*
4796.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम दिवानी
प्रेम दिवानी
Pratibha Pandey
काली छाया का रहस्य - कहानी
काली छाया का रहस्य - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
कुंडलिया - वर्षा
कुंडलिया - वर्षा
sushil sarna
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
Sandeep Kumar
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
तुम मिले भी तो, ऐसे मक़ाम पे मिले,
तुम मिले भी तो, ऐसे मक़ाम पे मिले,
Shreedhar
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
कौन हुँ मैं?
कौन हुँ मैं?
TARAN VERMA
लड़कों का सम्मान
लड़कों का सम्मान
पूर्वार्थ
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
Dr MusafiR BaithA
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर्म की भावना बरकरार रखो,
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
पहला प्यार
पहला प्यार
Dipak Kumar "Girja"
गर्मी की मार
गर्मी की मार
Dr.Pratibha Prakash
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Kanchan Khanna
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...