Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏

संवेदना का सौंदर्य 🙏
☘️🍀❤️🍀☘️☘️

दिल दिमाग तन मन मंदिर
सौन्दर्य श्रृंगारिक साज ताज

भाव भावना पुष्प कुसमित
नव पल्लव पल्लू सी सौंदर्य

अदभूत संवेदी चाल ढ़ाल
संवेदनशीलता जागरूकता

साज सज्जा श्रृंगार संवेदना का
रंग रंगीली भावना हो तब मानस

दिल मानस से मिल जाता जग में
मानसिक सुखदअनुभव आधारित

रोमांचित प्रफुल्लित जन गण मन
सौहार्द्र करुणामय मंगल गणतंत्र

सद्कर्म सदाचार संवेदनशीलता
मनोरंजन रंजन दुख सुख हर्ता

शुभकर्ता विघ्नहर्ता बन जाता है
संवेदना दिशाहीन जब होता है

विकट विराट श्रृंगार सजाता है
राजा रंक धूल से फूल हो जाता

काली घनघोर घटा संवेदना का
मंडराता तब घाती घात लगाता

सौंदर्य संवेदना वदसूरत हो जाता
निर्मोही माया श्रृंगारिक मन काया

मौन संवेदन पहन बेचैन मुहंखोटा
स्वयं तड़पता रहता व्याकुल जग में

क्रुर संवेदना भागे आगे-आगे पीछे
क़ानूनी सिंकंजा पकड़ जकड़ लेता

आह वेदना जेलासन ताज पहनता
काश ! ऐसा ना करता तो. . . . . .?

खुद से खुद बातें कर खुद कोस
बेअसर संवेदना प्रकट करता है

निखरा रूप सौदर्यश्रृंगार साज का
काली नकाव ढ़क लेता है औरों की

वेदना दर्द अनुभूति करुणा दया
धर्म कर्म आस्था संस्कार संवेदना

दिल यौवन सौंदर्य श्रृंगारिक छवि
मोहक रूप निखारता जन मन में

सहानुभूति भाई-चारा प्रेम संबंध
संवेदना का मौलिक निज संवाद

समझें करें प्राणी प्राणों से रिश्ता
हरी भरी हो पर्यावरणीय स्वच्छता

सुंदरता संवेदन संभावनाओं पर
नव सौंदर्य श्रृंगारिक हो संसार ॥

☘️🍀❤️☘️🙏🙏🍀❤️☘️

तारकेशवर प्रसाद तरूण

3 Likes · 102 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

कभी उलझन,
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
मुझसे जुदा होने से पहले, लौटा दे मेरा प्यार वह मुझको
मुझसे जुदा होने से पहले, लौटा दे मेरा प्यार वह मुझको
gurudeenverma198
ये ज़िंदगी भी गरीबों को सताती है,
ये ज़िंदगी भी गरीबों को सताती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खाईला कसम हम
खाईला कसम हम
Er.Navaneet R Shandily
भुखमरी
भुखमरी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
Dr Mukesh 'Aseemit'
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
Phool gufran
सत्य राम कहॉं से लाऊँ?
सत्य राम कहॉं से लाऊँ?
Pratibha Pandey
22. खत
22. खत
Rajeev Dutta
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ओसमणी साहू 'ओश'
मुकम्मल आसमान .....
मुकम्मल आसमान .....
sushil sarna
*आदरणीय श्री रम्मन मामा जी*
*आदरणीय श्री रम्मन मामा जी*
Ravi Prakash
वाणी का माधुर्य और मर्यादा
वाणी का माधुर्य और मर्यादा
Paras Nath Jha
*फ़र्ज*
*फ़र्ज*
Harminder Kaur
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
Acharya Rama Nand Mandal
"इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
*प्रणय*
*प्रिया किस तर्क से*
*प्रिया किस तर्क से*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ভ্রমণ করো
ভ্রমণ করো
Arghyadeep Chakraborty
**पी कर  मय महका कोरा मन***
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
Sudhir srivastava
भारत देश महान है।
भारत देश महान है।
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
मन के हारे हार है
मन के हारे हार है
Vivek Yadav
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव
Sunil Maheshwari
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
Rj Anand Prajapati
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
Loading...