Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

संवेदनहीनता

#मन_बेचैन_हुआ!!
____________________
मानवता मे देख गिरावट,
मन बेचैन हुआ!
रिश्तों से मिट गयी तरावट,
मन बेचैन हुआ!!

नैतिकता शरशैय्या लेटी
माँ को आँख दिखायें बेटी।
नियत बेंच मनुज देखो अब-
भरने लगा है धन से पेटी।
प्रेम गरल सङ्ग देख मिलावट,
मन बैचैन हुआ।

मानवता मे देख गिरावट,
मन बेचैन हुआ!!

द्वेष दगा अब संबंधों में,
वफ़ा नहीं है अनुबंधों में।
आज वही है सगा- सहोदर –
जो संगी गोरखधंधों में।
व्यवहारों में देख थकावट,
मन बेचैन हुआ।

मानवता मे देख गिरावट,
मन बेचैन हुआ!!

सब संवेदन हीन हुए हैं,
मन से दुर्जन दीन हुए हैं।
परहित का बस पहन मुखौटा-
दुष्कर्मी संगीन हुए हैं।
सत्यनिष्ठता अंत की आहट,
मन बेचैन हुआ।

मानवता मे देख गिरावट,
मन बेचैन हुआ!!

द्वंद्व छिड़ा है रक्त-रक्त में,
स्वार्थ छिपा है भक्त-भक्त में
किसने विष घोला है ऐसे-
समझ न आए आज वक्त में।
कुत्सित बर्बर सी अकुलाहट,
मन बेचैन हुआ।

मानवता मे देख गिरावट,
मन बेचैन हुआ!!
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

4 Likes · 97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
जनवरी हमें सपने दिखाती है
जनवरी हमें सपने दिखाती है
Ranjeet kumar patre
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
Ravikesh Jha
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
आकाश महेशपुरी
4497.*पूर्णिका*
4497.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
**मातृभूमि**
**मातृभूमि**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
Ravi Prakash
अनगिनत सवाल थे
अनगिनत सवाल थे
Chitra Bisht
कविता : चंद्रिका
कविता : चंद्रिका
Sushila joshi
We Would Be Connected Actually
We Would Be Connected Actually
Manisha Manjari
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
उमंग
उमंग
Akash Yadav
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
भरत कुमार सोलंकी
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
सीता रामम
सीता रामम
Rj Anand Prajapati
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुद को खुद से मिलाना है,
खुद को खुद से मिलाना है,
Bindesh kumar jha
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
"I am slowly learning how to just be in this moment. How to
पूर्वार्थ
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
सबको
सबको
Rajesh vyas
हे भारत की नारी जागो
हे भारत की नारी जागो
Dheerendra Panchal
विशेष दोहा
विशेष दोहा
*प्रणय*
जब कोई,
जब कोई,
नेताम आर सी
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
हरी दरस को प्यासे हैं नयन...
Jyoti Khari
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
तुम मेरे हम बन गए, मैं तु्म्हारा तुम
तुम मेरे हम बन गए, मैं तु्म्हारा तुम
Anand Kumar
दोहे
दोहे
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
AMC (आर्मी) का PAY PARADE 1972 -2002” {संस्मरण -फौजी दर्शन}
AMC (आर्मी) का PAY PARADE 1972 -2002” {संस्मरण -फौजी दर्शन}
DrLakshman Jha Parimal
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
Loading...