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2 Apr 2024 · 1 min read

संदेश

अंतर्मन तिमिर नष्ट हो , जागृत हो आशा किरण ,
स्पंदित हो सद्भाव , नष्ट हो व्याप्त घृणा विकिरण ,

प्रेम मुदित मनस बने , संचरित हो सद् विचार ,
आत्मशक्ति हो दृढ़ संकल्पित , बने हृदय विशाल ,

प्रथम प्रयास हो सिद्ध स्वयं ,
कर नष्ट सर्वांग अहम् ,

प्रेरित हो सतत् सदाचार जन मानस में ,
बन अनल करें दग्ध समस्त अनाचार जगत में ,

द्वेष, क्लेश, संताप अंत हो ,
प्रेम ,शांति , समभाव प्रकट हो ,

सहअस्तित्व भावना विकसित हो जन-जन में ,
विश्व शांति भावना स्थापित हो इस जगत में ।

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