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5 Feb 2023 · 1 min read

*संत रविदास (कुंडलिया)*

*संत रविदास (कुंडलिया)*
_________________________
चंगा है यदि मन सदा, घर में गंगा-वास
सदियों पहले कह गए, परम संत रविदास
परम संत रविदास, माघ की पूरनमासी
काशी में दो पूर्ण, चंद्र की हुई उजासी
कहते रवि कविराय, ईश-दर्शन की गंगा
करो प्रवाहित शुभ्र, नित्य रख मन को चंगा
—————————————-
*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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