Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2016 · 1 min read

संजीदा तबियत की कहानी नहीं समझे

संजीदा तबियत की कहानी नहीं समझे
आँखो में रहे फिर भी वो पानी नहीं समझे

एक शेर हुआ यूँ कि कलेजे से लगा है
दरया में उतर कर भी रवानी नहीं समझे

क्या खत में लिखा जाए कि समझाऐ उन्हें हम
जो सामने रह कर भी ज़बानी नहीं समझे

बचपन को लुटाया है जवानी के लिए यार
हम लोग जवानी को जवानी नहीं समझे

पहले तो कहा ‘राव’ कोई शेर सुनाओ
फ़िर दोस्त मेरी बात के म’आनी नहीं समझे

– नासिर राव

1 Comment · 594 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
एक तरफा मोहब्बत...!!
एक तरफा मोहब्बत...!!
Ravi Betulwala
‌‌‍ॠतुराज बसंत
‌‌‍ॠतुराज बसंत
Rahul Singh
मित्रता
मित्रता
डॉ. शिव लहरी
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
हिन्दी पर नाज है !
हिन्दी पर नाज है !
Om Prakash Nautiyal
बगावत
बगावत
ओनिका सेतिया 'अनु '
4669.*पूर्णिका*
4669.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Rang zindigi ka
Rang zindigi ka
Duniya kitni gol hain?!?!
ज़िन्दगी  से  आस  रखिये और चलिये।
ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
खिले फूलों में तुम्हें ,
खिले फूलों में तुम्हें ,
रुपेश कुमार
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
वो एक रात 11
वो एक रात 11
सोनू हंस
चेतन वार्तालाप
चेतन वार्तालाप
Jyoti Pathak
" सजदा "
Dr. Kishan tandon kranti
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
होली मुबारक
होली मुबारक
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मां
मां
Dr. Shakreen Sageer
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
गोमूत्र उपज बढ़ाने का सूत्र
गोमूत्र उपज बढ़ाने का सूत्र
Anil Kumar Mishra
खुद के वजूद की
खुद के वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
जल बचाओ एक सबक
जल बचाओ एक सबक
Buddha Prakash
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (3)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वैनिटी बैग
वैनिटी बैग
Awadhesh Singh
मेरा अक्स
मेरा अक्स
Chitra Bisht
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
एक शख्स जो था
एक शख्स जो था
हिमांशु Kulshrestha
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
प्राण प्रतिष्ठा राम की
प्राण प्रतिष्ठा राम की
ललकार भारद्वाज
Loading...