Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2022 · 1 min read

संघर्ष

मैं थका जरूर हूं।
पर हरा नहीं हूं।
मुझ में हिम्मत अभी बाकी है।
मैं असफल जरूर हुआ हूं।।
पर संघर्ष करना अभी बाकी है।
असफलता तो जिंदगी का हिस्सा है।
हिम्मत तो भरपूर है मुझ में,
इसलिए अभी तक सांस बाकी है।
धीरे-धीरे ही सही में मंजिल तक पहुंचूंगा।
खरगोश ना सही,
कछुआ बनकर आगे बढूंगा।

सुशील कुमार चौहान
फारबिसगंज अररिया बिहार

6 Likes · 9 Comments · 555 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
"कागज"
Dr. Kishan tandon kranti
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
'अशांत' शेखर
पहले की भारतीय सेना
पहले की भारतीय सेना
Satish Srijan
नज़रिया
नज़रिया
Shyam Sundar Subramanian
सभी कहें उत्तरांचली,  महावीर है नाम
सभी कहें उत्तरांचली, महावीर है नाम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
'व्यथित मानवता'
'व्यथित मानवता'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2290.पूर्णिका
2290.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
* मुस्कुराने का समय *
* मुस्कुराने का समय *
surenderpal vaidya
शब्द कम पड़ जाते हैं,
शब्द कम पड़ जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अपना महत्व
अपना महत्व
Dr fauzia Naseem shad
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
सच्चे इश्क़ का नाम... राधा-श्याम
Srishty Bansal
*मुसीबत है फूफा जी का थानेदार बनना【हास्य-व्यंग्य 】*
*मुसीबत है फूफा जी का थानेदार बनना【हास्य-व्यंग्य 】*
Ravi Prakash
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*खुद को  खुदा  समझते लोग हैँ*
*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गाँव की साँझ / (नवगीत)
गाँव की साँझ / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उम्मीद
उम्मीद
Harshvardhan "आवारा"
!! लक्ष्य की उड़ान !!
!! लक्ष्य की उड़ान !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
जेठ का महीना
जेठ का महीना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रेम
प्रेम
Bodhisatva kastooriya
इक शे'र
इक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
तुम्हारे माता-पिता
तुम्हारे माता-पिता
Saraswati Bajpai
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
Chunnu Lal Gupta
मित्रता
मित्रता
Shashi kala vyas
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
मोहब्बत का ज़माना आ गया है
मोहब्बत का ज़माना आ गया है
Surinder blackpen
मौसम बदल रहा है
मौसम बदल रहा है
Anamika Singh
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
मोहब्बत हो जाए
मोहब्बत हो जाए
कवि दीपक बवेजा
Writing Challenge- दिशा (Direction)
Writing Challenge- दिशा (Direction)
Sahityapedia
जा बैठे
जा बैठे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...