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17 Aug 2016 · 1 min read

“श्रीपति दास”

पति जैसे जीव का भैया,
इस जग में कोई दूसरा सानी नहीं है।
पत्नियों ने इसे आज तक,
अनदेखा किया हक़ीक़तें मानी नहीं है।
खड़ा बगुले सा एक टाँग,
बजाने को मलिकाए आली का आदेश।
अवधूत कभी ख़्वाब में भी,
हुई आदेशों की ना फरमानी नहीं है ।

Language: Hindi
552 Views
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