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18 Sep 2023 · 1 min read

शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।

शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
यह देख खिसक रही, पैरों तले जमीन।।

चाँद पर पहुँचा भारत, फिर भी ऐसा हाल ।
नौजवानो के जीवन में, नौकरी का अकाल।।

काम करना चाहते ना, मिले नही रोजगार।
खून के आँसू रो रहा, जब खर्चे हो अपार।।

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
9829246588 चित्तौड़गढ़

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