दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो,
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
"मुझे हक सही से जताना नहीं आता
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*धारा सत्तर तीन सौ, अब अतीत का काल (कुंडलिया)*
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खता खतों की नहीं थीं , लम्हों की थी ,