Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2023 · 1 min read

शेर

बाल कहानी- शेर
—‐——-

एक बार की बात है। जंगल का राजा शेर शिकार की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। तभी उस पर शहर से आये कुछ शिकारियों ने हमला कर दिया। शेर ने भी अपनी जान बचाते हुए पूरी ताकत से उन शिकारियों पर हमला कर दिया।
सभी लोग जान बचाकर शेर पर गोलियों की बौछार करते हुए भाग गये। परन्तु शेर घायल होकर जमीन पर गिर गया। जमीन पर गिरते ही शेर बेहोश हो गया।
कुछ देर तक जब शेर नहीं उठा तो बहुत सारे जानवरों ने उसे घेर लिया और तरह-तरह की बातें करने लगे।
शेर को घायल और बेहोश देख कर उसके दोस्त और दुशमन उस पर हावी हो गये।
कुछ देर बाद शेर को होश आया उसने हिम्मत की और दहाड़ते हुए खड़ा हो गया, फिर उसके बाद कुछ जानवर को पकड़कर शेर ने अपना भोजन बनाया शेष जानवर अपनी जान बचाकर भाग गये।

शिक्षा-
हमें किसी को संकट में पड़ा देखकर उसका अनुचित लाभ नहीं लेना चाहिए।

शमा परवीन
बहराइच (उत्तर प्रदेश)

1 Like · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
Neeraj Mishra " नीर "
"पेड़ पौधों की तरह मनुष्य की भी जड़ें होती हैं। पेड़- पौधों
इशरत हिदायत ख़ान
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Chitra Bisht
#अमावसी_ग्रहण
#अमावसी_ग्रहण
*प्रणय*
एक  दूजे के जब  हम नहीं हो सके
एक दूजे के जब हम नहीं हो सके
Dr Archana Gupta
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
छोड़ आया हूँ मैं अपना घर, अपनी गलियां, वो अपना शहर,
छोड़ आया हूँ मैं अपना घर, अपनी गलियां, वो अपना शहर,
Ravi Betulwala
राज़ हैं
राज़ हैं
surenderpal vaidya
क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये
क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये
Saraswati Bajpai
धधको।
धधको।
पूर्वार्थ
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
Sanjay ' शून्य'
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
रिश्तों की चादर
रिश्तों की चादर
Vivek Pandey
परोपकार
परोपकार
Roopali Sharma
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संग तेरे रहने आया हूॅं
संग तेरे रहने आया हूॅं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
इस ज़िंदगानी में
इस ज़िंदगानी में
Dr fauzia Naseem shad
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 6🍁🍁
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 6🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
छलावा बन गई दुल्हन की किसी की
छलावा बन गई दुल्हन की किसी की
दीपक झा रुद्रा
4122.💐 *पूर्णिका* 💐
4122.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
Abhishek Soni
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम गए हो यूँ
तुम गए हो यूँ
Kirtika Namdev
" पहचान "
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
singh kunwar sarvendra vikram
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
Priya princess panwar
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
Vaishaligoel
उमंगों की राह
उमंगों की राह
Sunil Maheshwari
वो कालेज वाले दिन
वो कालेज वाले दिन
Akash Yadav
Loading...