पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
रेत और रेगिस्तान भी सच कहते हैं।
"कोशिशो के भी सपने होते हैं"
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak Arun atript
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}