हवन - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
वक्त खराब है तो देख नहीं पा रहे लड़खड़ाना मेरा
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Khwahish jo bhi ho ak din
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,