Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2023 · 1 min read

शुभ प्रभात मित्रो !

शुभ प्रभात मित्रो !
नाम और नामा ! इन्हें पाने के लिये मृग की तरह आदमी भाग रहा है । परन्तु क्या यही लक्ष्य है ? स्मरण रहे कि
जीव के साथी कर्म होते हैं ।
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्ण !
***

356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all

You may also like these posts

एकाधिकार
एकाधिकार
अंकित आजाद गुप्ता
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
gurudeenverma198
अनवरत
अनवरत
Sudhir srivastava
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अहसास तेरे होने का
अहसास तेरे होने का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एकतरफा प्यार
एकतरफा प्यार
Shekhar Chandra Mitra
माँ.
माँ.
Heera S
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
दोस्ती
दोस्ती
Adha Deshwal
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
सच रेत और रेगिस्तान का भी मतलब होता हैं।
सच रेत और रेगिस्तान का भी मतलब होता हैं।
Neeraj Agarwal
सुंदर लाल इंटर कॉलेज में प्रथम काव्य गोष्ठी - कार्यशाला*
सुंदर लाल इंटर कॉलेज में प्रथम काव्य गोष्ठी - कार्यशाला*
Ravi Prakash
You do good....they criticise you...you do bad....they criti
You do good....they criticise you...you do bad....they criti
पूर्वार्थ
हे नर
हे नर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इस राह चला,उस राह चला
इस राह चला,उस राह चला
TARAN VERMA
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
Rituraj shivem verma
*क्रोध की गाज*
*क्रोध की गाज*
Buddha Prakash
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
देने वाले प्रभु श्री राम
देने वाले प्रभु श्री राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
🙅🙅🙅
🙅🙅🙅
*प्रणय*
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
The_dk_poetry
मन
मन
MEENU SHARMA
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
मेरा घर
मेरा घर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...