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14 Dec 2023 · 1 min read

शुभ प्रभात मित्रो !

शुभ प्रभात मित्रो !
धन से दवा खरीदी जा सकती है , स्वास्थ्य नहीं । साधन खरीदे जा सकते हैं सुख नहीं । मूर्ती खरीदी जा सकती है भक्ति नहीं । प्रभु की लीला भी अपरम्पार है । हैं न ?
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्श !
***

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