Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2021 · 2 min read

शुक्र मनाइए कि दुनिया की सारी समस्या आपकी नही है – आनंदश्री

शुक्र मनाइए कि दुनिया की सारी समस्या आपकी नही है – आनंदश्री

– यह वायुमंडल समस्या और समाधान से घिरा है

आप बाहरी परिस्थिति को नही रोक सकते, तूफान, तेज बारिश, धूप, चंद्रग्रहण, सूर्यग्रहण और किसी के नुकसान दायक बर्ताव को। लेकिन जिसे बदला जा सकता है वह है उस बाहय परिस्थितियों पर अपना नजरिया। बुरे से बुरा दिन आएगा, शोर मचाएगा, चिल्लायेगा, हल्ला करेगा। ऐसी परिस्थिति में सामना करने के लिए तैयार हो जाइए।
कुछ बाते हमारे बस में होती है और कुछ बस के बाहर। जीवन का हर दिन एक जैसा नहीं होता। कभी-कभी सब कुछ वैसा ही होता है जैसा आप चाहते हैं, कभी-कभी ऐसा नहीं होता जैसा आप चाहते हैं। सब कुछ विपरीत।

समस्या सभी को होती है
अमीर , गरीब, हर वर्ग , हर उम्र के लोगो को समस्या होती है। मुस्कुराते हुये फोटो को सोशल मीडिया पर हर कोई डाल रहा है। लेकिन क्या वास्तव में वह खुश है। हम उनकी सच्चाई, और अच्छाई नही जानते। खुश रहने वाले का इंसान की तस्वीर और सच्चाई वास्तविकता में अलग हो सकती है। शायद वह एक बड़े युद्ध से लड़ रहा हो।

” ग्रेट हसबैंड, ग्रेट वाईफ, हैप्पी फैमिली, रंगों से भरी तस्वीर आदि का सच कुछ और हो सकता है।”

आप की तरह हर इंसान के पास समस्या है। हर कोई अपने अपने सर्वपरि से प्रयास कर रहा है। खुशी मनाइए की दुनिया की सभी समस्या आपकी नही है।

यह वायुमंडल समस्या और समाधान से भरा पड़ा है। आप किस पर ध्यान देते हो। हर समस्या के समाधान के लिए कोई न कोई प्रोफेशनल बैठा है। आप को क्या चाहिए। समस्या या समाधान।

समस्या न होना यानी क्या ?
समस्या उन्ही के पास नही है जो जिंदा नही हैं । समस्या है तो धन्यवाद दो कि आप काम से कम जिंदा तो हो।

यह मान लो , जहन में बात बैठालो की कितना भी कोई खुश क्यों न हो हर इंसान अपने स्तर पर एक युद्ध लड़ रहा है। आपको अपनी समस्या को सुलझाते हुए आनंद का रास्ता बनाना है। कोई कितना भी बुराई करे , आप तो आगे बढ़ने के लिए पैदा हुए है।

प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8007179747

Language: Hindi
Tag: लेख
118 Views
You may also like:
'निशा नशीली'
'निशा नशीली'
Godambari Negi
कर्मण्य के प्रेरक विचार
कर्मण्य के प्रेरक विचार
Shyam Pandey
💐अज्ञात के प्रति-42💐
💐अज्ञात के प्रति-42💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
अब अरमान दिल में है
अब अरमान दिल में है
कवि दीपक बवेजा
मुक्ती
मुक्ती
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
कल तक थे वो पत्थर।
कल तक थे वो पत्थर।
Taj Mohammad
***
*** " पापा जी उन्हें भी कुछ समझाओ न...! "...
VEDANTA PATEL
आरंभ
आरंभ
श्री रमण 'श्रीपद्'
मेरे मन का सीजन थोड़े बदला है
मेरे मन का सीजन थोड़े बदला है
Shiva Awasthi
पहला-पहला प्यार
पहला-पहला प्यार
Shekhar Chandra Mitra
🌹मां ममता की पोटली
🌹मां ममता की पोटली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
Buddha Prakash
प्रेम के रिश्ते
प्रेम के रिश्ते
Rashmi Sanjay
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" पर्व गोर्वधन "
Dr Meenu Poonia
Mera wajud bus itna hai ,
Mera wajud bus itna hai ,
Sakshi Tripathi
इंसान जिन्हें कहते
इंसान जिन्हें कहते
Dr fauzia Naseem shad
अक्षत और चूहों की बस्ती
अक्षत और चूहों की बस्ती
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
"रंग भरी शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
कलम ये हुस्न गजल में उतार देता है।
कलम ये हुस्न गजल में उतार देता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#प्रेरक_प्रसंग-
#प्रेरक_प्रसंग-
*Author प्रणय प्रभात*
तुम्हारी यादों में सो जाऊं
तुम्हारी यादों में सो जाऊं
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
*उठाऊ-चूल्हा नेता (हास्य कुंडलिया)*
*उठाऊ-चूल्हा नेता (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर।
आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ...
Manisha Manjari
★उसकी यादें ★
★उसकी यादें ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
राम बनो!
राम बनो!
Suraj kushwaha
भ्रष्ट नेताजी
भ्रष्ट नेताजी
Aditya Raj
सितारों के बगैर
सितारों के बगैर
Satish Srijan
Loading...