Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2022 · 1 min read

शुक्र ए खुदा

================

मुझे इश्क ने सिखा दिया

इबादत का सलीका

. या खुदा… तूने तो

मुझे वो भी अता किया…

जो मैने…..

माँगा भी नहीं था.. ..
शबीनाज़..
==============

Language: Hindi
Tag: दोहा
100 Views

Books from shabina. Naaz

You may also like:
खूबसूरत चेहरे
खूबसूरत चेहरे
Prem Farrukhabadi
गीत - प्रेम असिंचित जीवन के
गीत - प्रेम असिंचित जीवन के
Shivkumar Bilagrami
* सखी *
* सखी *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पेशावर की मस्जिद में
पेशावर की मस्जिद में
Satish Srijan
निराशा एक आशा
निराशा एक आशा
डॉ. शिव लहरी
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव...
Shubham Pandey (S P)
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
"शेर-ए-पंजाब 'महाराजा रणजीत सिंह'" 🇮🇳 (संक्षिप्त परिचय)
Pravesh Shinde
जय हिन्द वाले
जय हिन्द वाले
Shekhar Chandra Mitra
हिंदी दोहे बिषय- विकार
हिंदी दोहे बिषय- विकार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
“गुरुनानक जयंती 08 नवम्बर 2022 पर विशेष” : आदर एवं श्रद्धा के प्रतीक -गुरुनानक देव
“गुरुनानक जयंती 08 नवम्बर 2022 पर विशेष” : आदर एवं...
सत्य भूषण शर्मा
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
कवि दीपक बवेजा
🌴🌴कभी सुनना मुझे हवाओं से🌴🌴
🌴🌴कभी सुनना मुझे हवाओं से🌴🌴
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कितना मुझे रुलाओगे ! बस करो
कितना मुझे रुलाओगे ! बस करो
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
✍️हर इँसा समता का हकदार है
✍️हर इँसा समता का हकदार है
'अशांत' शेखर
मानकके छडी (लोकमैथिली कविता)
मानकके छडी (लोकमैथिली कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जय श्री महाकाल सबको, उज्जैयिनी में आमंत्रण है
जय श्री महाकाल सबको, उज्जैयिनी में आमंत्रण है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धर्मराज
धर्मराज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन है यदि प्रेम
जीवन है यदि प्रेम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ब्याह  रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
ब्याह रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
Dr Archana Gupta
चश्मा
चश्मा
राकेश कुमार राठौर
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संघर्ष की शुरुआत / लवकुश यादव
संघर्ष की शुरुआत / लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
कहाँ गया रोजगार...?
कहाँ गया रोजगार...?
मनोज कर्ण
हमारी आंखों में
हमारी आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
Green and clean
Green and clean
Aditya Prakash
,अगर तुम हमसफ़र होते
,अगर तुम हमसफ़र होते
Surinder blackpen
■ मुक्तक / सियासत पर
■ मुक्तक / सियासत पर
*Author प्रणय प्रभात*
आशा निराशा
आशा निराशा
सूर्यकांत द्विवेदी
खाना-कमाना सीखिगा, चोरियॉं अच्छी नहीं (हिंदी गजल/ गीतिका)
खाना-कमाना सीखिगा, चोरियॉं अच्छी नहीं (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
Loading...