Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 1 min read

चाय

आदत हो जब चाय की, पीते रहिये चाय।
आदर मिलता है जहां ,करते रहिये आय।
करते रहिए आय,चाय का अद्भुत वादा।
पीलो जितनी चाय ,आय उतनी हो ज्यादा।
कहें प्रेम कविराय, चाय मित्रों की सोहबत ।
अध्ययनरत हो छात्र ,बनाते चाय की आदत।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

1 Like · 1 Comment · 58 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

You may also like:
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
ना मानी हार
ना मानी हार
Dr. Meenakshi Sharma
"अधूरी कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
130 किताबें महिलाओं के नाम
130 किताबें महिलाओं के नाम
अरशद रसूल /Arshad Rasool
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
दिनकर की दीप्ति
दिनकर की दीप्ति
AJAY AMITABH SUMAN
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
खुशी और गम
खुशी और गम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बिस्तर से आशिकी
बिस्तर से आशिकी
Buddha Prakash
गाओ शुभ मंगल गीत
गाओ शुभ मंगल गीत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एहसास
एहसास
Shutisha Rajput
कोरे कागज पर...
कोरे कागज पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो निरंतर चलता रहता है,
वो निरंतर चलता रहता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
■ नई परिभाषा /
■ नई परिभाषा / "लोकतंत्र"
*Author प्रणय प्रभात*
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
मेरी पसंद
मेरी पसंद
Shekhar Chandra Mitra
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
कवि दीपक बवेजा
कृष्ण दामोदरं
कृष्ण दामोदरं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदगी की पहेली
जिंदगी की पहेली
RAKESH RAKESH
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
चलो चलो तुम अयोध्या चलो
gurudeenverma198
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
Arvind trivedi
💐प्रेम कौतुक-232💐
💐प्रेम कौतुक-232💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
एक अच्छाई उसी तरह बुराई को मिटा
shabina. Naaz
स्वप्न कुछ
स्वप्न कुछ
surenderpal vaidya
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
'अशांत' शेखर
Loading...