Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2022 · 1 min read

” शीतल कूलर

लोहा, प्लास्टिक दोनों से बनता
गर्मी में सबकी तपन बुझाता
पंडूबी संग शीत लहर चलाता
कहते हैं मुझे सब शीतल कूलर,
पंखे में तापमान जब बढ़ जाता
लू लगे इसलिए तूं भाग कर आता
तपती दोपहरी में सभी पुकारें
हाय री कूलर, हाय री कूलर,
धर धर धर आवाज कर चलता
निशा में गहरी तुम्हें नींद दिलाता
ईंट, पत्थर, चौका अनेकों स्टैंड
ऐसा हूं जग निराला मैं कूलर,
छोटे बड़े सब प्रकार का मिल जाता
बाहर भीतर हर जगह चल जाता
बिजली की थोड़ी बचत कर जाता
आम आदमी की पहूंच का मैं कूलर।

Dr.Meenu Poonia

Language: Hindi
1 Like · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
कैसे प्रेम इज़हार करूं
कैसे प्रेम इज़हार करूं
Er.Navaneet R Shandily
उम्मीद.............एक आशा
उम्मीद.............एक आशा
Neeraj Agarwal
ज़िंदगी की कड़वाहट से ज़्यादा तल्ख़ी कोई दूसरी नहीं। आदत डाल ली
ज़िंदगी की कड़वाहट से ज़्यादा तल्ख़ी कोई दूसरी नहीं। आदत डाल ली
*Author प्रणय प्रभात*
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
भ्रम
भ्रम
Kanchan Khanna
ये रिश्ते हैं।
ये रिश्ते हैं।
Taj Mohammad
समीक्षा -'रचनाकार पत्रिका' संपादक 'संजीत सिंह यश'
समीक्षा -'रचनाकार पत्रिका' संपादक 'संजीत सिंह यश'
Rashmi Sanjay
किसी के दिल में चाह तो ,
किसी के दिल में चाह तो ,
Manju sagar
मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ?
मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ?
Ram Krishan Rastogi
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
मेरा विषय साहित्य नहीं है
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
औरत की जगह
औरत की जगह
Shekhar Chandra Mitra
नियत
नियत
Shutisha Rajput
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हम में भी
हम में भी
Dr fauzia Naseem shad
चाय कलियुग का वह अमृत है जिसके साथ बड़ी बड़ी चर्चाएं होकर बड
चाय कलियुग का वह अमृत है जिसके साथ बड़ी बड़ी चर्चाएं होकर बड
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
Neelam Sharma
मां
मां
Dr Parveen Thakur
💐प्रेम कौतुक-182💐
💐प्रेम कौतुक-182💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
gurudeenverma198
मुद्दतों बाद खुद की बात अपने दिल से की है
मुद्दतों बाद खुद की बात अपने दिल से की है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
DrLakshman Jha Parimal
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
Dr. Man Mohan Krishna
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
2481.पूर्णिका
2481.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रूठते-मनाते,
रूठते-मनाते,
Amber Srivastava
सच सच बोलो
सच सच बोलो
सूर्यकांत द्विवेदी
" शिवोहम रिट्रीट "
Dr Meenu Poonia
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
*शह-मात होती है 【मुक्तक】*
*शह-मात होती है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Loading...