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31 Jul 2018 · 1 min read

शिव महिमा

शिव महिमा ? (सार छंद)
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मन चाहा फल देने वाले,
शिव शंकर अविनाशी।
मानव त्रास हरण करते हो,
हे घट – घट के वासी।।
???
बसहा की तू करे सवारी,
नीलकंठ विषधारी।
नाग कंठ लिपटाने वाले,
हे भोले भंडारी।।
??????????
तेरी महिमा जान सके जो,
वो है सच्चा ज्ञानी।
शरण हमें भी ले लो भगवन,
हम है मूढ़ अज्ञानी।।
???
विष पीकर कल्याण किया था,
देवों का त्रिपुरारी।
हे प्रलयंकर, हे अभयंकर,
नमन तुझे असुरारी।।
??????????
शिव का नाम जपे हर पल जो,
उसका बुरा न होता।
वरदहस्त भोले का जिनपर,
वह नर कभी न रोता।।
???
नमन स्वीकारो आज म्हारा,
“सचिन” खड़ा कर जोड़े।
पैदल थारे द्वारे आया,
जुरै न हाथी घोड़े।।
*********
✍✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार

Language: Hindi
1 Like · 1719 Views
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