Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2023 · 1 min read

शायरी

सुनो लड़कियों तुम स्कूल जाना

और
चूल्हे से चांद तक का सफर तय करना !

_

मेरा ईश्वर

तुम्हारे माथे पर लगा तिलक जैसा सुंदर है

Language: Hindi
Tag: शेर
59 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from श्याम सिंह बिष्ट

You may also like:
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
करके देखिए
करके देखिए
Seema gupta,Alwar
आनंद
आनंद
RAKESH RAKESH
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
dks.lhp
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जरा सी गलतफहमी पर
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
*पास में अगर न पैसा 【कुंडलिया】*
*पास में अगर न पैसा 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
कुकुरा
कुकुरा
Sushil chauhan
कहाँ समझते हैं ..........
कहाँ समझते हैं ..........
Aadarsh Dubey
होली है!
होली है!
Dr. Shailendra Kumar Gupta
सफर की महोब्बत
सफर की महोब्बत
Anil chobisa
भक्ति -गजल
भक्ति -गजल
rekha mohan
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
चली गई ‌अब ऋतु बसंती, लगी ग़ीष्म अब तपने
चली गई ‌अब ऋतु बसंती, लगी ग़ीष्म अब तपने
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"द्रोह और विद्रोह"
*Author प्रणय प्रभात*
शांति दूत वह बुद्ध प्रतीक ।
शांति दूत वह बुद्ध प्रतीक ।
Buddha Prakash
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Desires are not made to be forgotten,
Desires are not made to be forgotten,
Sakshi Tripathi
लानत है
लानत है
Shekhar Chandra Mitra
छुपाती मीडिया भी है बहुत सरकार की बातें
छुपाती मीडिया भी है बहुत सरकार की बातें
Dr Archana Gupta
हादसे
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
" वर्ष 2023 ,बालीवुड के लिए सफ़लता की नयी इबारत लिखेगा "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
Shashi kala vyas
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
Maier Rajesh Kumar Yadav
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
कुटुंब के नसीब
कुटुंब के नसीब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐अज्ञात के प्रति-75💐
💐अज्ञात के प्रति-75💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विश्वास
विश्वास
Dr. Rajiv
Loading...