Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 1 min read

शायरी 1

सुर्ख़ सफ़ाह, आबनूसी निगाहें,
क़मर सी सूरत, ये जामे काही।
औ’ जुल्फ़ें शुतुरी, अदाएँ क़ातिल,
तुम्हारी गर्दन कोई सुराही।
तुम्हारे आशिक़ हैं कितने सारे —
दिलों पे खंजर के वार सहते,
निगाहें मैंने, मिलाईं तुमसे ,
मेरे भी दिल में उठी तबाही।।

1 Like · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
Rj Anand Prajapati
चलो कुछ कहें
चलो कुछ कहें
Dr. Rajeev Jain
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
ज़रा सी  बात में रिश्तों की डोरी  टूट कर बिखरी,
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
Neelofar Khan
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
Shravan singh
छटपटाता रहता है आम इंसान
छटपटाता रहता है आम इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
सत्य कुमार प्रेमी
मन के भाव हमारे यदि ये...
मन के भाव हमारे यदि ये...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
..
..
*प्रणय प्रभात*
मन
मन
Neelam Sharma
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अतीत के पन्ने (कविता)
अतीत के पन्ने (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
" प्रश्न "
Dr. Kishan tandon kranti
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
Buddha Prakash
तुम्हारे साथ,
तुम्हारे साथ,
हिमांशु Kulshrestha
21-- 🌸 और वह? 🌸
21-- 🌸 और वह? 🌸
Mahima shukla
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
Ramnath Sahu
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
शीर्षक:गुरु मेरा अभिमान
शीर्षक:गुरु मेरा अभिमान
Harminder Kaur
"आया मित्र करौंदा.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
Loading...