“शायरियाँ* “…
” *शांत-शांत”…बैठे रहोगे तो.. कैसे बनेंगी “कहानियाँ* “…
??
*कुछ तुम बोलो…कुछ हम बोले..तभी तो बनेंगी “शायरियाँ* “…??
” *शांत-शांत”…बैठे रहोगे तो.. कैसे बनेंगी “कहानियाँ* “…
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