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13 May 2024 · 1 min read

चंद्रयान-३

शाबाश बिक्रम ! शाबाश प्रज्ञान !
शाबाश वैज्ञानिक शाबाश विज्ञान !
शाबाश ही इसरो शाबाश चंद्रयान !
शाबाश शाबाश भारत देश महान !

चाँद तुम पहले-दूसरे आसमान पर !
हम खुशी से सातवें आसमान पर !
हमें अंतरिक्ष और भी आगे जाना है !
लंबी यात्रा को मिला चाँद ठिकाना है !

हमने तो चाँद पर चार चाँद लगा दिए !
चाँद में भी ये प्यारे से तिरंगे लगा दिए !
सफलताओं के कीर्तिमान बना दिया !
भारत का गौरव-अभिमान बढ़ा दिया !

विश्व में हमने इतिहास है रच दिया !
मेहनत से सपनों को है सच किया !
अब तो ये सारे के सारे चाँद-सितारे !
मुठ्ठी में और मौरूसी में होंगे हमारे !

जब भारत ही शून्य का ज्ञान बताए !
और भारतीय सामर्थ्य विज्ञान जताए !
तभी प्रज्ञान चाँद पर तिरंगा फहराए !
अंतरिक्ष में भी प्यारा परचम लहराए !

ये अपना विजयी विश्व तिरंगा प्यारा !
आज जीत गया है ये अंतरिक्ष सारा !
कोई भी ग्रह, नक्षत्र या फिर हो तारा !
धूमकेतु या आकाशगंगाओं की धारा !

‘बसुधैव कुटबंकम’ से भी आगे निकल !
‘अंतरिक्ष कुटबंकम ‘ की सोच अखिल !
भारत से ये अनवरत अलख जगाना है !
पृथ्वी से ब्रह्मांड तक का पार पाना है !
~०~
मौलिक एवं स्वरचित: कविता प्रतियोगिता
रचना संख्या -१८: मई २०२४©जीवनसवारो.

Language: Hindi
1 Like · 110 Views
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