Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

शहीद की पत्नी

शहीद की पत्नी
(शहीद का पार्थिव शरीर घर में आने पर उसकी पत्नी का रुदन गीत)

तुम आओगे घर आँगन में
मैंने द्वार सजा के रखा था
तुम आ भी गए घर आँगन में
पर क्यूँ हार चढ़ाए रखा था?

तुम थे जब वृहत पहाड़ो में
हम तो थे घर-गलियारों में
तुम हिम खंडों से दबे हुए
हम घर में अनल का ताप लिए।

नहीं गुजरा अब तक एक बसंत
ना होली हमनें मनाई संग
तुम इतनी जल्दी दौड़ गए
मुझकों क्यों अकेली छोड़ गए?

कुछ सपने थे मेरे अपने
संग तेरे थे पूरे करने
सपना था सपना टूट गया
पर अपना भी क्यूँ रूठ गया!

इक इक पल मुश्किल से काटा
मैंने तो घर के कोने में
पर इससे बड़ा दुःख क्या होगा
जो मिला है तुमको खोने में।

जब वचन दिए तूने मुझकों
जीवन भर साथ निभाओगे
चले गए तुम हो जहाँ अब
भला मुझकों कब बुलाओगे?

( नन्दलाल सुथार”राही” , जैसलमेर, राजस्थान)

1 Like · 110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नन्दलाल सुथार "राही"
View all
You may also like:
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
तेरा होना भी
तेरा होना भी
Seema 'Tu hai na'
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
उनको मत समझाइए
उनको मत समझाइए
राहुल द्विवेदी 'स्मित'
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Bodhisatva kastooriya
धन्य है पिता
धन्य है पिता
Anil Kumar
वर्दी
वर्दी
Satish Srijan
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
नव लेखिका
चांदनी चकोर सा रिश्ता तेरा मेरा
चांदनी चकोर सा रिश्ता तेरा मेरा
कवि दीपक बवेजा
गढ़वाली चित्रकार मौलाराम
गढ़वाली चित्रकार मौलाराम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
आओ हम सब घर घर तिरंगा फहराए
आओ हम सब घर घर तिरंगा फहराए
Ram Krishan Rastogi
White patches
White patches
Buddha Prakash
"गॉंव का समाजशास्त्र"
Dr. Kishan tandon kranti
*अब साँठगाँठ से खाते हैं 【व्यंग्य-गीतिका】*
*अब साँठगाँठ से खाते हैं 【व्यंग्य-गीतिका】*
Ravi Prakash
गंगा अवतरण
गंगा अवतरण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ कटाक्ष / ढोंगी कहीं के...!
■ कटाक्ष / ढोंगी कहीं के...!
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ
मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ
Jyoti Khari
हां मैं पागल हूं दोस्तों
हां मैं पागल हूं दोस्तों
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सुनो सखी !
सुनो सखी !
Manju sagar
गाओ शुभ मंगल गीत
गाओ शुभ मंगल गीत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
Dr fauzia Naseem shad
एक नज़्म - बे - क़ायदा
एक नज़्म - बे - क़ायदा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Kagaj ke chand tukado ko , maine apna alfaj bana liya .
Kagaj ke chand tukado ko , maine apna alfaj bana liya .
Sakshi Tripathi
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
shabina. Naaz
💐प्रेम कौतुक-498💐
💐प्रेम कौतुक-498💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरे गुरू मेरा अभिमान
मेरे गुरू मेरा अभिमान
Anamika Singh
कहीं कोई भगवान नहीं है//वियोगगीत
कहीं कोई भगवान नहीं है//वियोगगीत
Shiva Awasthi
Loading...