Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2023 · 1 min read

शक्कर में ही घोलिए,

शक्कर में ही घोलिए,
सच को चाहे यार
कड़वाहट उसमें मगर,
रहेगी बरक़रार

महावीर उत्तरांचली

1 Like · 46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा
Pooja Singh
💐प्रेम कौतुक-506💐
💐प्रेम कौतुक-506💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
" जलचर प्राणी "
Dr Meenu Poonia
सजाता कौन
सजाता कौन
surenderpal vaidya
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
मन का पाखी…
मन का पाखी…
Rekha Drolia
themetics of love
themetics of love
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रश्न
प्रश्न
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जब जब ही मैंने समझा आसान जिंदगी को।
जब जब ही मैंने समझा आसान जिंदगी को।
सत्य कुमार प्रेमी
धर्मांध भीड़ के ख़तरे
धर्मांध भीड़ के ख़तरे
Shekhar Chandra Mitra
यूँ ही
यूँ ही
Satish Srijan
"फासले उम्र के" ‌‌
Chunnu Lal Gupta
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अभी दुआ में हूं बद्दुआ ना दो।
अभी दुआ में हूं बद्दुआ ना दो।
Taj Mohammad
ये दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
ये दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
Ram Krishan Rastogi
वृक्ष किसी को
वृक्ष किसी को
DrLakshman Jha Parimal
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
gurudeenverma198
■ कटाक्ष/ उलाहना
■ कटाक्ष/ उलाहना
*Author प्रणय प्रभात*
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
Manisha Manjari
*तीज-त्यौहार (कुंडलिया)*
*तीज-त्यौहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
shabina. Naaz
रहे मुहब्बत सदा ही रौशन..
रहे मुहब्बत सदा ही रौशन..
अश्क चिरैयाकोटी
नज़्म –
नज़्म – "तेरी आँखें"
nadeemkhan24762
रूठ जाने लगे हैं
रूठ जाने लगे हैं
Gouri tiwari
हाथों में उसके कंगन
हाथों में उसके कंगन
VINOD KUMAR CHAUHAN
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
ये वतन हमारा है
ये वतन हमारा है
Dr fauzia Naseem shad
अधूरी बातें
अधूरी बातें
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
राखी का कर्ज
राखी का कर्ज
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...