Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2016 · 1 min read

व्यथा ..निम्न मध्यम वर्ग की

व्यथा …मध्यम वर्गीय की..

मै निम्न मध्यम वर्गीय परिवार का
एक कमाउ ….पर लगता है
बेरोजगार युवक हूं

कमाता इतनी हूं कि पेट भर सकूं
पर लाचार ऐसा हूं कि
बता नसकूं …
.
बात शिछा की हो तो
कर्ज ले आता हूं
नन्हो का कल सुनिश्चित करने को
भूखा तक सो जाता हूं
फिर भी मंहगी शिछा के आगे बेबस हो जाता हूं
सब कुछ दॉव पर लगा कर भी
उच्च डिग्री नही दे पाता हूं
बस! वही बेरोजगार साबित हो जाता हूं ….

रेल भत्ता की बात पर
अनमना सा होजाता हूं
एसी बिना सफर की
कल्पना से भी डर जाता हूं
कभी कभी हवाई यात्रा को
भी मजबूर हो जाता हूं
न निम्न वर्ग कहलाता हूं
न उच्च वर्ग छू पाता हूं
बस वही ढेर होजाता हूं
सचमुच बस वही
बेरोजगार साबित हो जाता हूं

बात बीमारी की हो
तो इलाज मे सब कुछ दॉव पर लगा आता हूं
बुजुर्गो का उच्च कोटि का
इलाज करवाता हूं
चेक अप कराते कराते
अक्सर फटेहाल हो जाता हूं
डाक्टर की फीस और दवाइयो के पीछे
स्वयं बीमार सा हो जाता हूं
कुछ हद तक कंगाल सा हो जाता हूं
हॉ सचमुच तब बेरोजगार साबित हो जाता हूं

नीरा रानी……

Language: Hindi
1055 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from NIRA Rani
View all
You may also like:
RV Singh
RV Singh
Mohd Talib
कहमुकरी: एक दृष्टि
कहमुकरी: एक दृष्टि
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
The_dk_poetry
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
Seema Verma
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
कवि दीपक बवेजा
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
Kavita Chouhan
उपहार (फ़ादर्स डे पर विशेष)
उपहार (फ़ादर्स डे पर विशेष)
drpranavds
कलियुग की संतानें
कलियुग की संतानें
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
'जियो और जीने दो'
'जियो और जीने दो'
Godambari Negi
Shayri
Shayri
श्याम सिंह बिष्ट
गिव मी सम सन शाइन
गिव मी सम सन शाइन
Shekhar Chandra Mitra
"सुने जो दिल की कहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
बिटिया की जन्मकथा / मुसाफ़िर बैठा
बिटिया की जन्मकथा / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
सुनते नहीं मिरी बात देखिए
सुनते नहीं मिरी बात देखिए
Dr. Sunita Singh
मटका
मटका
Satish Srijan
Don't bask in your success
Don't bask in your success
सिद्धार्थ गोरखपुरी
व्हाट्सएप के दोस्त
व्हाट्सएप के दोस्त
DrLakshman Jha Parimal
#शेर_का_मानी...
#शेर_का_मानी...
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ न कुछ छूटना तो लाज़मी है।
कुछ न कुछ छूटना तो लाज़मी है।
Rakesh Bahanwal
शेर
शेर
Rajiv Vishal (Rohtasi)
समझता नहीं कोई
समझता नहीं कोई
Dr fauzia Naseem shad
खुद से प्यार
खुद से प्यार
लक्ष्मी सिंह
पापा करते हो प्यार इतना ।
पापा करते हो प्यार इतना ।
Buddha Prakash
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हवस
हवस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
श्रृंगार
श्रृंगार
Alok Saxena
रहने वाली वो परी थी ख़्वाबों के शहर में
रहने वाली वो परी थी ख़्वाबों के शहर में
Faza Saaz
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" tyranny of oppression "
DESH RAJ
Loading...