“वो हसीन खूबसूरत आँखें”

“वो हसीन खूबसूरत आँखें”
गौर से गर देखे तो
पिघल जाती वज्र सलाखें,
वो हसीन खूबसूरत आँखें।
रह-रह कर बुलाती मन को हर्षाती
बिन बोले ही बातें लाखों कह जाती
बसते जिसमें अनन्त-असीम अहसासें,
वो हसीन खूबसूरत आँखें।
“वो हसीन खूबसूरत आँखें”
गौर से गर देखे तो
पिघल जाती वज्र सलाखें,
वो हसीन खूबसूरत आँखें।
रह-रह कर बुलाती मन को हर्षाती
बिन बोले ही बातें लाखों कह जाती
बसते जिसमें अनन्त-असीम अहसासें,
वो हसीन खूबसूरत आँखें।