Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2024 · 1 min read

“वो दिन दूर नहीं”

“वो दिन दूर नहीं”
वो दिन अब दूर नहीं
जब जज्बातों को समझने के
आँखों के इशारों के
मतलबों के जानने के
शरीर की मुद्राओं का अर्थ
भाँपने को भूलने के
अभ्यस्त हो जाएगा इंसान,
अपनी भाषाएँ भी खो देंगे
शायद आने वाले कल के जवान।

3 Likes · 3 Comments · 127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
3055.*पूर्णिका*
3055.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
gurudeenverma198
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
नींद
नींद
Kanchan Khanna
सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
इशरत हिदायत ख़ान
उपेक्षित फूल
उपेक्षित फूल
SATPAL CHAUHAN
" समय "
Dr. Kishan tandon kranti
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
Aarti sirsat
यह क्या है?
यह क्या है?
Otteri Selvakumar
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
मानव जीवन अनमोल है, सीमित संसाधन भी अनमोल।
मानव जीवन अनमोल है, सीमित संसाधन भी अनमोल।
जय लगन कुमार हैप्पी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
PRADYUMNA AROTHIYA
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
Shweta Soni
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरे पास खिलौने के लिए पैसा नहीं है मैं वक्त देता हूं अपने ब
मेरे पास खिलौने के लिए पैसा नहीं है मैं वक्त देता हूं अपने ब
Ranjeet kumar patre
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
Vicky Purohit
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
कानून?
कानून?
nagarsumit326
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..........जिंदगी.........
..........जिंदगी.........
Surya Barman
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
पूजा
पूजा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*बादलों की दुनिया*
*बादलों की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
पूर्वार्थ
*लटें जज़्बात कीं*
*लटें जज़्बात कीं*
Poonam Matia
Loading...