Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2019 · 2 min read

वो आज़ाद हमारा है

गले जनेऊ, मूछों पे हाॅंथ
कमर में पिस्टल रहता था
देश भक्ति जिसके नस-नस में
लहू बन दौड़ा करता था
वो आज़ाद हमारा था
वो आज़ाद हमारा है।

दुश्मन में वो बात कहाॅं थी
‘शेर’ को जो तनिक डरा जाता,
चंदशेखर के मूछों को
हल्का सा भी झुका जाता

माँ का सच्चा लाल था वो
देश भक्ति का अनोखा मिसाल था वो
यारों का अनोख़ा यार था वो
मलखंभ से पहलवान था वो
दुश्मनों को जिसे धूल में मिलाना था
हाॅं … वो आज़ाद हमारा था
हाॅं … वो आज़ाद हमारा है

बिस्मिल-अशफाक से जिसका गहरा याराना था
फांसी के फंदे से जिसे “भगत” को जिंदा बचाना था
दुश्मन को पैरों में ला
अंबर पे भी जिसे गुर्राना था
आज़ादी के परचम को
देश के हर चप्पे – चप्पे में जिसे लहराना था
वो आज़ाद हमारा था
वो आज़ाद हमारा है।

चंद्रशेखर कहो या कह दो ‘आज़ाद’ फर्क क्या ही पर जाता है
देश भक्तों की टोली में बस
वो आज़ाद ही जाना जाता है।

याद करो उस बीर को जो
बरबस ही ये कह जाता था,
आज़ाद हूँ मैं
आज़ाद मरूंगा
दुश्मन जिन्दा छूने नही पाएगा
मृत देह ही मेरा अपने साथ वो ले जायेगा

इलाहबाद के अल्फ्रेड पार्क में
हुआ वही जो पहले से ही वो गुन गुनाता था
एक आज़ाद की खातिर सोचो
फिरंगी पूरी सेना लेकर आया था

दुश्मन छूने न पाए जिंदा जिस्म को
बस इसलिए कनपट्टी पर पिस्टल का घोड़ा दवाया था
झुक कर आखरी बार माँ को शीश से लगया था

शेर कहो या कह दो आज़ाद फर्क क्या ही पर जाता है
उसके मृत देह ने भी सोचो दुश्मन को कुछ मिनटों तक भरमाया था।

देशभक्ति का असली मतलब हमको सिखलाने वाला
इंकलाब का परचम थामे
इंकलाबी आज़ाद हमारा था,
वो आज़ाद हमारा था
वो आज़ाद हमारा है
वो कल के नभ पर भी चमकता सूरज था
आज भी वो नाम उजियारा है …
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 335 Views

Books from Mugdha shiddharth

You may also like:
💐💐बेबी लागे जैसे मोरनी,होए💐💐
💐💐बेबी लागे जैसे मोरनी,होए💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Har subha uthti hai ummid ki kiran
Har subha uthti hai ummid ki kiran
कवि दीपक बवेजा
"सोच अपनी अपनी"
Dr Meenu Poonia
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
Shubham Pandey (S P)
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
खुशबू बन कर
खुशबू बन कर
Surinder blackpen
खुद का साथ
खुद का साथ
Shakuntla Shaku
जगदम्ब शिवा
जगदम्ब शिवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Sakshi Tripathi
दोस्ती को परखे, अपने प्यार को समजे।
दोस्ती को परखे, अपने प्यार को समजे।
Anil chobisa
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*महान आध्यात्मिक विभूति मौलाना यूसुफ इस्लाही से दो मुलाकातें*
*महान आध्यात्मिक विभूति मौलाना यूसुफ इस्लाही से दो मुलाकातें*
Ravi Prakash
पहाड़ों की हंसी ठिठोली
पहाड़ों की हंसी ठिठोली
Shankar J aanjna
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
किस्मत की लकीरों पे यूं भरोसा ना कर
किस्मत की लकीरों पे यूं भरोसा ना कर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ज़िंदगी का सवाल रहता है
ज़िंदगी का सवाल रहता है
Dr fauzia Naseem shad
■ अप्रैल फ़ूल
■ अप्रैल फ़ूल
*Author प्रणय प्रभात*
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हें ये आदत सुधारनी है।
तुम्हें ये आदत सुधारनी है।
सत्य कुमार प्रेमी
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दुनिया के मेले
दुनिया के मेले
Shekhar Chandra Mitra
" मेरी तरह "
Aarti sirsat
विचारों की अधिकता लोगों को शून्य कर देती है
विचारों की अधिकता लोगों को शून्य कर देती है
Amit Pandey
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
Seema Verma
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
Vishal babu (vishu)
अस्मिता
अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
Er.Navaneet R Shandily
Loading...