Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2021 · 1 min read

वीर

भारत के हम वीर है, और वतन के लाल ।
आये जो दुश्मन इधर, बनते उसका काल।
बनते उसका काल, छुड़ा दें उसके छक्के ।
देख रूप विकराल,रहें सब हक्के-बक्के।
करते तीक्ष्ण प्रहार,बनें रिपुदल की आफत।
देकर अपनी जान, सुरक्षित रखते भारत ।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 128 Views

Books from लक्ष्मी सिंह

You may also like:
■ ग़ज़ल / मोल है साहब!!
■ ग़ज़ल / मोल है साहब!!
*Author प्रणय प्रभात*
माँ (ममता की अनुवाद रही)
माँ (ममता की अनुवाद रही)
Vijay kumar Pandey
ये भी सच है के हम नही थे बेइंतेहा मशहूर
ये भी सच है के हम नही थे बेइंतेहा मशहूर
'अशांत' शेखर
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग...
Rj Anand Prajapati
एक सुबह की किरण
एक सुबह की किरण
कवि दीपक बवेजा
हम अग्रोहा के वासी ( गीत )
हम अग्रोहा के वासी ( गीत )
Ravi Prakash
बेटियाँ
बेटियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
बेटी से ही संसार
बेटी से ही संसार
Prakash juyal 'मुकेश'
खिचड़ी,तिल अरु वस्त्र का, करो हृदय से दान
खिचड़ी,तिल अरु वस्त्र का, करो हृदय से दान
Dr Archana Gupta
*नन्ही सी गौरीया*
*नन्ही सी गौरीया*
Shashi kala vyas
एक होशियार पति!
एक होशियार पति!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
फरिश्तों या ख़ुदा तुमको,
फरिश्तों या ख़ुदा तुमको,
Satish Srijan
मेरी पंचवटी
मेरी पंचवटी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उदास
उदास
Swami Ganganiya
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं किसान हूँ
मैं किसान हूँ
Dr.S.P. Gautam
जो मैंने देखा...
जो मैंने देखा...
पीयूष धामी
अब साम्राज्य हमारा है युद्ध की है तैयारी ✍️✍️
अब साम्राज्य हमारा है युद्ध की है तैयारी ✍️✍️
Rohit yadav
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
Prabhu Nath Chaturvedi
हम में भी
हम में भी
Dr fauzia Naseem shad
कभी किताब से गुज़रे
कभी किताब से गुज़रे
Ranjana Verma
काम मिलेगा क्या?
काम मिलेगा क्या?
Shekhar Chandra Mitra
क़ुसूरवार
क़ुसूरवार
Shyam Sundar Subramanian
एक कमरे की जिन्दगी!!!
एक कमरे की जिन्दगी!!!
Dr. Nisha Mathur
ਤਰੀਕੇ ਹੋਰ ਵੀ ਨੇ
ਤਰੀਕੇ ਹੋਰ ਵੀ ਨੇ
Surinder blackpen
“ चुप मत रहना मेरी कविता ”
“ चुप मत रहना मेरी कविता ”
DrLakshman Jha Parimal
💐अज्ञात के प्रति-134💐
💐अज्ञात के प्रति-134💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
Shubham Pandey (S P)
डर होता है
डर होता है
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
देख रहा था
देख रहा था
Mahendra Narayan
Loading...