Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

वाह! कमाया नाम…..: छंद कुण्डलिया

________________________________
कुण्डलिया:
पेरिस पर हमले किये, वाह! कमाया नाम.
इससे कोई मत करे, परिभाषित इस्लाम..
परिभाषित इस्लाम, पहन सेना सी वर्दी.
क़त्ल, भले. निर्दोष, कहाँ यह दहशतगर्दी?
उचित मिले उपचार, रही मानवता है पिस.
बने एकमत विश्व, एक हों लन्दन-पेरिस..
________________________________
दोहा:
बेगुनाह जो हैं मरे, आहत विश्व समाज.
श्रद्धा के यह दो सुमन उन्हें समर्पित आज..
________________________________

इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
gurudeenverma198
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समय
समय
Neeraj Agarwal
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
Phool gufran
मुस्कान
मुस्कान
Surya Barman
यक्ष प्रश्न है जीव के,
यक्ष प्रश्न है जीव के,
sushil sarna
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
Dr Manju Saini
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
देश के अगले क़ानून मंत्री उज्ज्वल निकम...?
देश के अगले क़ानून मंत्री उज्ज्वल निकम...?
*प्रणय प्रभात*
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
सूरज सा उगता भविष्य
सूरज सा उगता भविष्य
Harminder Kaur
बचा लो तिरंगा
बचा लो तिरंगा
Dr.Pratibha Prakash
7. तेरी याद
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
Ranjeet kumar patre
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
*दर्पण (बाल कविता)*
*दर्पण (बाल कविता)*
Ravi Prakash
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
Ajay Mishra
माँ दे - दे वरदान ।
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
Ajit Kumar "Karn"
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
.
.
शेखर सिंह
सुख दुख के साथी
सुख दुख के साथी
Annu Gurjar
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
Sunil Maheshwari
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जानना उनको कहाँ है? उनके पते मिलते नहीं ,रहते  कहीं वे और है
जानना उनको कहाँ है? उनके पते मिलते नहीं ,रहते कहीं वे और है
DrLakshman Jha Parimal
Loading...