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13 Mar 2023 · 1 min read

वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था

वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
अल्फाजों की स्याही में डूबी हुई कलम ,

इजहार-ए-मोहब्बत की निशानी में
रखा हुआ लाल गुलाब था !!

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