Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2023 · 1 min read

वह जो रुखसत हो गई

वह जो रुखसत हो गई
मेरे दिल से हो कर ,

बेड़ियां , जंजीर , फंदे , गांठ , बांध लेते
गर बन जाती वो मेरी हो कर !

60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from श्याम सिंह बिष्ट

You may also like:
देने तो आया था मैं उसको कान का झुमका,
देने तो आया था मैं उसको कान का झुमका,
Vishal babu (vishu)
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
लक्ष्मी सिंह
सीमवा पे डटल हवे, हमरे भैय्या फ़ौजी
सीमवा पे डटल हवे, हमरे भैय्या फ़ौजी
Er.Navaneet R Shandily
हार हूँ
हार हूँ
Satish Srijan
2283.🌷खून बोलता है 🌷
2283.🌷खून बोलता है 🌷
Dr.Khedu Bharti
जाने  कैसे दौर से   गुजर रहा हूँ मैं,
जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Hum to har chuke hai tumko
Hum to har chuke hai tumko
Sakshi Tripathi
माँ
माँ
Kavita Chouhan
बेरुखी इख्तियार करते हो
बेरुखी इख्तियार करते हो
shabina. Naaz
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
शिव प्रताप लोधी
💐प्रेम कौतुक-177💐
💐प्रेम कौतुक-177💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
The right step at right moment is the only right decision at the right occasion
The right step at right moment is the only right decision at the right occasion
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ संपर्क-सूत्रम
■ संपर्क-सूत्रम
*Author प्रणय प्रभात*
होली
होली
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
Shashi kala vyas
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
भूल जाते हैं मौत को कैसे
भूल जाते हैं मौत को कैसे
Dr fauzia Naseem shad
बेटियाँ
बेटियाँ
Surinder blackpen
नेह का दीपक
नेह का दीपक
Arti Bhadauria
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब याद मैं आऊंँ...
जब याद मैं आऊंँ...
Ranjana Verma
आधा किस्सा आधा फसाना रह गया
आधा किस्सा आधा फसाना रह गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
होली
होली
Kanchan Khanna
वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
# महुआ के फूल ......
# महुआ के फूल ......
Chinta netam " मन "
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
Amit Pandey
ओ मेरी जान
ओ मेरी जान
gurudeenverma198
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...