*वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का 【मुक्तक】*

वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का 【मुक्तक】
★★★★★★★★★★★★★★★★
हमेशा से पुरुष पर है, बड़ा एहसान नारी का
कभी बेटी माँ पत्नी रूप में वरदान नारी का
सजा देती है घर को, एक अपनी मुस्कुराहट से
वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का
★★★★★★★★★★★★★★★★
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451