Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2016 · 1 min read

वर्षगांठ अन्वेषा की

अन्वी तुम आई जीवन मे तो मेरा शैशव लौट आया

तेरी मीठी किलकारी से मेरा बचपन जागने लगा
जो चलने को लाचार था तन वह द्रुत गति से भागने लगा
तुम मुसकाईं तो हृदय खिला जीवन वासंती गीत हुआ
सब रोग शोक भी दूर हुए मैं कितने वर्षो बाद हँसा

उल्लास हो,मेरी पुलकन हो,नानी-नाना की धड़कन हो
है मेरा शुभाशीष यही चिर मधुरिम तेरा जीवन हो
प्रभु मेरे सारे वांछित सुख अन्वेषा को वरदान मिलें
इसको दैवी अनुदान मिलें,भगवतगीता का गान मिले

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 589 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मां
मां
Charu Mitra
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Attraction
Attraction
Vedha Singh
आओ लौट चले
आओ लौट चले
Dr. Mahesh Kumawat
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
Let us create bridges to connect people beyond boundaries,
Let us create bridges to connect people beyond boundaries,
Chitra Bisht
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
..
..
*प्रणय*
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गीत नया गाता हूं।
गीत नया गाता हूं।
Kumar Kalhans
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
4039.💐 *पूर्णिका* 💐
4039.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कलयुग में मोदी युग
कलयुग में मोदी युग
Santosh kumar Miri
*पलटूराम*
*पलटूराम*
Dushyant Kumar
असली सफलता
असली सफलता
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदू सनातन धर्म
हिंदू सनातन धर्म
विजय कुमार अग्रवाल
"ख़्वाहिश"
ओसमणी साहू 'ओश'
जब तेरी याद बहुत आती है,
जब तेरी याद बहुत आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
है कोई तेवरी वाला जो...
है कोई तेवरी वाला जो...
कवि रमेशराज
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Usha Gupta
Be valuable.
Be valuable.
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सब दिन होत न समान
सब दिन होत न समान
manorath maharaj
कविता
कविता
Mahendra Narayan
अब तो चले आओ कि शाम जा रही है।
अब तो चले आओ कि शाम जा रही है।
Jyoti Roshni
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अब के मौसम न खिलाएगा फूल
अब के मौसम न खिलाएगा फूल
Shweta Soni
Loading...