Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2022 · 1 min read

वर्तमान से वक्त बचा लो:चतुर्थ भाग

इतिहास गवाह है , हमारे देशवासियों ने गुलामी की जंजीरों को लंबे अरसे तक सहा है। लेकिन इतिहास के इन काले अध्यायों को पढ़कर हृदय में नफरत की अग्नि को प्रजवल्लित करते रहने से क्या फायदा? बदलते हुए समय के साथ क्षमा का भाव जगाना हीं श्रेयकर है। हमारे पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों के प्रति सावधान होना श्रेयकर है ना कि हृदय को प्रतिशोध की ज्वाला में झुलसाते रहना । प्रस्तुत है मेरी कविता “वर्तमान से वक्त बचा लो तुम निज के निर्माण में” का चतुर्थ भाग।

क्या रखा है वक्त गँवाने,
औरों के आख्यान में,
वर्तमान से वक्त बचा लो
तुम निज के निर्माण में।

पुरावृत्त के पृष्ठों में
अंकित कैसे व्यवहार हुए?
तेरे जो पूर्वज थे जाने
कितने अत्याचार सहे?

बीत गई काली रातें अब
क्या रखना निज ध्यान में?
वर्तमान से वक्त बचा लो
तुम निज के निर्माण में।

इतिहास का ध्येय मात्र
इतना त्रुटि से बच पाओ,
चूक हुई जो पुरखों से
तुम भी करके ना पछताओ।

इतिवृत्त इस निमित्त नहीं कि
गरल भरो निज प्राण में,
वर्तमान से वक्त बचा लो
तुम निज के निर्माण में।

भूतकाल से वर्तमान की
देखो कितनी राह बड़ी है ,
त्यागो ईर्ष्या अग्नि जानो
क्षमा दया की चाह बड़ी है।

प्रेम राग का मार्ग बनाओ
क्या मत्सर विष पान में?
वर्तमान से वक्त बचा लो
तुम निज के निर्माण में।

क्या रखा है वक्त गँवाने
औरों के आख्यान में,
वर्तमान से वक्त बचा लो
तुम निज के निर्माण में।

अजय अमिताभ सुमन:
सर्वाधिकार सुरक्षित

1 Like · 109 Views

Books from AJAY AMITABH SUMAN

You may also like:
किसको-किसको क़ैद करोगे?
किसको-किसको क़ैद करोगे?
Shekhar Chandra Mitra
परिस्थिति का मैं मारा हूं, बेचारा मत समझ लेना।
परिस्थिति का मैं मारा हूं, बेचारा मत समझ लेना।
सत्य कुमार प्रेमी
आई होली झूम के
आई होली झूम के
जगदीश लववंशी
दिनकर की दीप्ति
दिनकर की दीप्ति
AJAY AMITABH SUMAN
काश
काश
shabina. Naaz
तुम हारिये ना हिम्मत
तुम हारिये ना हिम्मत
gurudeenverma198
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
Ravi Prakash
कतिपय दोहे...
कतिपय दोहे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ख़ामोशी से बातें करते है ।
ख़ामोशी से बातें करते है ।
Buddha Prakash
#एक_गजल
#एक_गजल
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
मेरे भी थे कुछ ख्वाब,न जाने कैसे टूट गये।
Surinder blackpen
कहाँवा से तु अइलू तुलसी
कहाँवा से तु अइलू तुलसी
Gouri tiwari
चाँदनी में नहाती रही रात भर
चाँदनी में नहाती रही रात भर
Dr Archana Gupta
प्रणय 4
प्रणय 4
Ankita Patel
डरने लगता हूँ...
डरने लगता हूँ...
Aadarsh Dubey
राम वनवास
राम वनवास
Dhirendra Panchal
आनंद में सरगम..
आनंद में सरगम..
Vijay kumar Pandey
💐प्रेम कौतुक-221💐
💐प्रेम कौतुक-221💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शिल्प कुशल रांगेय
शिल्प कुशल रांगेय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🇮🇳 वतन पर जां फ़िदा करना 🇮🇳
🇮🇳 वतन पर जां फ़िदा करना 🇮🇳
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
जिनवानी स्तुती (अभंग )
जिनवानी स्तुती (अभंग )
Ajay Chakwate *अजेय*
मुक्तक
मुक्तक
Er.Navaneet R Shandily
नींद पर जब
नींद पर जब
Dr fauzia Naseem shad
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
कवि दीपक बवेजा
प्रभु की शरण
प्रभु की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्ती
मुक्ती
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...