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12 Nov 2016 · 1 min read

[[ वतन के लिए सर कटाने चले हैं ]]

वतन के लिए सर कटाने चले हैं ,!
सभी फ़र्ज अपना निभाने चले हैं ,!! १

वतन है हमारा हमारा रहेगा ,!
तिरंगे पे जां तक लुटाने चले हैं ,!! २

हुई आज पैनी नजर दुश्मनों की ,!
निगाहे सभी से चुराने चले हैं ,!! ३

वतन के लिए अब मिटाना है ख़ुद को ,!
यही पुण्य हम भी कमाने चले है ,!! ४

लुटाना है सबकुछ वतन के लिए अब ,!
अमन चैन हम भी बढ़ाने चले हैं ,!! ५

लिखी है इबादत लहू से वतन क़ी ,!
कलम को हकीकत बताने चले हैं ,!! ६

तमन्ना लिए सरफ़रोशी की दिल में ,!
कफ़न बांध कर के दिवाने चले हैं ,!! ७

हमे तो नही है किसी से शिक़ायत ,!
कदम से कदम हम मिलाने चले है ,!! ८

Nitin sharma

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